कर्मभूमि - प्रेमचंद

This quote ले थपिएको छ rahulknp
आज वही वसूली की तारीख है। अधयापकों की मेजों पर रुपयों के ढेर लगे हैं। चारों तरफ खनाखन की आवाजें आ रही हैं। सराफे में भी रुपये की ऐसी झंकार कम सुनाई देती है। हरेक मास्टर तहसील का चपरासी बना बैठा हुआ है। जिस लड़के का नाम पुकारा जाता है, वह अधयापक के सामने आता है, फीस देता है और अपनी जगह पर आ बैठता है। मार्च का महीना है। इसी महीने में अप्रैल, मई और जून की फीस भी वसूल की जा रही है। इम्तहान की फीस भी ली जा रही है। दसवें दर्जे में तो एक-एक लड़के को चालीस रुपये देने पड़ रहे हैं।.

यो उद्धारणमा ट्रेन गर्नुहोस्


यो उद्धारणलाई मूल्यांकन गर्नुहोस्:
4 out of 5 based on 1 ratings.

पाठ सम्पादन गर्नुहोस्

लेखक र शीर्षक सम्पादन गर्नुहोस्

(Changes are manually reviewed)

वा केवल कमेन्ट छोड्नुहोस्:


आफ्नो कौशलहरू परीक्षण गर्नुहोस्, यो लिनुहोस् टाइपिङ टेष्ट.

Score (WPM) यस उद्धारणका लागि वितरण. थप.

यसका लागि सर्वोत्तम अंकहरू typing test

नाम WPM सट्टाई
shubhammishra 46.37 79.9%
baap 34.16 74.6%
ramendrakumar 18.72 84.8%
rviknt 15.96 65.2%
user861453 12.46 64.9%
hsotnas_dnahc 12.26 75.6%
aarti2505 8.60 74.8%
sabina.kh12 0.00 0.1%

हालका लागि

नाम WPM सट्टाई
hsotnas_dnahc 12.26 75.6%
ramendrakumar 18.72 84.8%
sabina.kh12 0.00 0.1%
aarti2505 8.60 74.8%
user861453 12.46 64.9%
baap 34.16 74.6%
shubhammishra 46.37 79.9%
shubhammishra 43.78 79.2%