प्रभुजी
- प्रभु-परमेश्वर से ऑनलाईन रहिये
जब तक आपके ह्रदय का तार अपने प्रभु-परमेश्वर से जुड़ा रहता है तब तक कोई भी, किसी भी तरह से दिक्कत नहीं आती । वायर डिसकनेक्ट हुआ कि अशांति, बेचैनी, विघ्न जिसकी कोई किमत ही नहीं है वो भी आपके उपर हावी हो जाती है । इसलिए हमेशा प्रभु-परमेश्वर से ऑनलाईन रहिये ।.
प्रभुजी
- विवेक
आपके ह्रदय में विवेकरुपी चीप जो बाय डिफॉल्ट फिट है उसके अन्दर व्यवहार से लेकर परमार्थ तक क्या करना है, क्या नहीं करना है यह स्टोअर है । और हम जब-जब उसका जितनी बार अनादर करते हैं उतनी-उतनी बार कष्ट पाते हैं और ईश्वर-कृपा, समय और मनुष्य जन्म हमारे हाथ में से निकल जाते हैं । इसलिए विवेक का आदर हर हालत में हर किमत पर करना चाहिए ।.